मेरठ। दिल्ली रोड स्थित मेजर ध्यानचंद नगर इंडस्ट्रीयल एरिया में सोमवार दोपहर केमिकल के अवैध गोदाम में आग लग गई। देखते ही देखते गोदाम आग का गोला बन गया। अंदर रखे केमिकल से भरे ड्रम एक के बाद एक फटने लगे। धमाकों से गोदाम का शटर भी उखड़ गया। आसपास के लोग दहल गए। छह घंटे की मशक्कत और दो लाख लीटर पानी की मदद से आग पर काबू पाया गया।
मेजर ध्यानचंद नगर इंडस्ट्रीयल एरिया में विशाल का मकान है, जिसे सुपरटेक पामग्रीन बी-115 निवासी सचिन गुप्ता ने किराये पर ले रखा है। सचिन ने इसे केमिकल रखने का अवैध गोदाम बना रखा है। सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे गोदाम में लाग लग गई। शुरुआत में सचिन और अन्य लोगों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन आग बढ़ती चली गई। इस पर सचिन मौके से भाग गया। सूचना पर घंटाघर से दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची और आग बुझाने का प्रयास किया। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। अंदर रखे केमिकल के ड्रम धमाकों के साथ फटने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, करीब 30 से 40 धमाके हुए। परतापुर और पुलिस लाइन से भी गाड़ियां पहुंच गई। इसके बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। दो बार आग बुझी, लेकिन फिर सुलग गई। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अजय कुमार शर्मा ने बताया कि शाम सात बजे आग पर काबू पा लिया गया था। प्रथम दृष्टया आग का कारण शार्ट सर्किट लग रहा है लेकिन सही स्थिति जांच के बाद ही साफ होगी।
10 ड्रम फोम कंपाउंड लगा : सीएफओ ने बताया कि आग को बुझाने के लिए एक लाख लीटर पानी के साथ ही दस ड्रम फोम कंपाउंड लग गया। एक ड्रम में बीस लीटर फोम कंपाउंड होता है। इसे पानी के टैंकर में मिलाया जाता है, जिससे मौके पर फोम की लेयर बन जाती है और आक्सीजन खत्म हो जाती है, लेकिन गोदाम में केमिकल इतना था कि दस ड्रम फोम कंपाउंड भी बेकार हो गया।
सचिन का दूसरा गोदाम सील : आग की घटना के बाद अधिकारी लोगों से पूछताछ कर रहे थे। तभी उनको पता चला कि सचिन का एक गोदाम आगे वाली गली में भी है। उसमें भी केमिकल रखा हुआ है। रात में उस पर सील लगा दी गई। साथ ही कालोनी में अन्य अवैध गोदामों को भी तलाश जा रहा है।
घर पर लटका ताला : प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गोदाम में जब आग लगी तब सचिन मौके पर था। जब वह बढ़ने लगी तो वह भाग गया। इसके बाद जब उसके बारे में अधिकारियों को जानकारी हुई तो घर पर संपर्क किया गया, लेकिन वहां पर ताला लगा था। आसपास के लोगों ने बताया कि अग्निकांड के बाद सचिन परिवार के साथ भाग गया।गोदाम में आग से ध्यानचंद नगर करीब छह घंटे तक सुलगता और धमाकों से दहलता रहा। आसपास रह रहे लोग घरों से बाहर निकल आए। उनके चेहरों पर दहशत साफ दिखाई दे रही थी। वहीं, धमाके और धुएं के चलते हाईवे से भी लोग घटनास्थल पर पहुंच गए थे। वहीं, घटनास्थल पर पुलिस के साथ प्रशासनिक अधिकारी और आपूर्ति विभाग वाले भी पहुंच गए थे।
एमडीए की ध्यानचंद नगर कालोनी इंडस्ट्रीयल, कॉमर्शियल और रेजीडेंशियल है। यहां सिर्फ बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर औद्योगिक गतिविधि की अनुमति है। इसलिए यहां बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। सोमवार को जब गोदाम में आग लगी तो लोग घरों और गोदाम-फैक्टियों से निकल आए। कुछ लोग छतों से भी देख रहे थे। वहीं, दिल्ली रोड और बिजली बंबा बाईपास से जा रहे लोग भी धमाके और धुआं देखते हुए मौके पर पहुंच गए थे। धुएं का गुबार काफी दूर से दिखाई दे रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी: शॉपरिक्स मॉल में आए मनीष, अंकित और मयंक ने बताया कि वह धमाकों की आवाज से पहले तो डर गए थे। फिर मौके पर पहुंचे तो पता चला कि केमिकल के गोदाम में आग लगी है। पहली बार इतनी भीषण आग देखी। परतापुर जा रहे राजेश ने बताया कि धुआं देखकर वह अंदर आ गए। लपटों की तपिश दूर तक महसूस की जा रही थी। कालोनी में रहने वाली अनुप्रिया ने बताया कि पहले जब धमाका हुआ तो उन्होंने ध्यान नहीं दिया। फिर आवाज आई तो बाहर देखा। पहले कभी ऐसा अग्निकांड नहीं देखा। उन्हें आसपास के लोगों ने बताया कि करीब 150 ड्रम केमिकल रात ही आया था।
गोदाम के सामने रोड है और तीनों तरफ प्लाट हैं। आग को देखकर सब यही कह रहे थे कि अच्छा है, तीनों तरफ कुछ नहीं है। नहीं तो उनको भी नुकसान होता। आग से मकान का एक हिस्सा गिर भी गया था।
करीब छह घंटे तक आग लगी रही। इस दौरान दमकल कर्मचारी बेबस दिखे। केमिकल की आग मकान से बाहर तक निकल रही थी। कई बार कर्मचारी खड़े हो गए थे। हालांकि अंत में उन्होंने दो टैंकरों से एक साथ पानी की बौछार से काबू पाया।
बिजली आपूर्ति बंद : आग जब बेकाबू होने लगी तो बिजली आपूर्ति को बंद करा दिया। आग बुझने के काफी देर बाद तक आपूर्ति बहाल नहीं हुई थी।
पहले टीपीनगर में था गोदाम : सूत्रों ने बताया कि सचिन का गोदाम पहले टीपीनगर में था। घनी आबादी के चलते वहां लोगों ने विरोध किया तो यहां शिफ्ट हो गया। दूसरे गोदाम पर सील लगी है।